नक्सली हमले में बाल बाल बचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष
Source: bhaskar news | Last Updated 10:19(21/07/11)
गरियाबंद/रायपुर.नक्सलियों ने बुधवार शाम पौने छह बजे किसान सम्मेलन से लौट रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के काफिले पर हमला कर दिया। बारूदी सुरंग विस्फोट और उसके बाद की गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हुए हैं।
घटना राजधानी से 170 किमी दूर देवभोग और मैनपुर के बीच हुई।
गरियाबंद इलाके में इप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से यह पहला नक्सली हमला है। हमले में पटेल समेत आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेता बाल-बाल बचे। देवभोग से लगे धुर्वागुड़ी गांव में बुधवार को कांग्रेस ने किसान सम्मेलन आयोजित किया था।
इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के साथ पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, विधायक अमितेष शुक्ल, कुलदीप जुनेजा समेत कई लोग रायपुर से गए थे।उनके साथ गरियाबंद और आसपास के इलाकों के कांग्रेस कार्यकर्ता भी थे।
सरकारी गाड़ी बनी निशना :
सम्मेलन खत्म होने के बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे पटेल के साथ 10-12 गाड़ियों का काफिला गरियाबंद के लिए रवाना हुआ। मैनपुर से करीब 35 किमीटर पहले उदंती गांव के पास जंगल में एक मोड़ पर नक्सली घात लगाए थे।
करीब पौने छह बजे बरूदी सुरंग का विस्फोट हुआ। काफिले के बीच में चल रही सरकारी नंबर वाली बोलेरो जीप कई फीट दूर जा कर गिरी। सड़क पर बड़ा गड्ढा हो गया। बाकी गाड़ियां जैसे ही रुकी आसपास छिपे 70 से ज्यादा नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें दरवाजे के पास बैठे लोग घायल हो गए।
एक की मौके पर ही मौत हो गई। जवाबी फायरिंग नहीं होने पर कुछ देर बाद नक्सलियों ने गोलियां चलाना बंद कर दिया।
इस बीच काफिले में सबसे आगे चल रहे कांग्रेसी नेता मैनपुर पहुंच चुके थे। उनके पीछे चल रहे सुरक्षा गार्डो ने नंदकुमार पटेल को हमले की सूचना दी। पटेल समेत अन्य नेता भी मैनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। सुरक्षा के मद्देनजर कांग्रेस नेताओं को रात आठ बजे तक मैनपुर में रोका गया था। गणोश सिन्हा, वाहन चालक रमेश और भागी कुंभकार को रायपुर रेफर किया गया है।
पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि हमले में तीन लोगों की मौत होने की सूचना मिली है। विस्तृत जानकारी का इंतजार है। सीआरपीएफ और जिला पुलिस की टीमों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है।
सोनिया भी संपर्क में रहीं
सोनिया गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे से बात कर घटना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद को रायपुर जाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश महामंत्री राजेंद्र तिवारी ने बताया कि बीके हरिप्रसाद गुरुवार सुबह रायपुर पहुंच रहे हैं।
पुलिस की लापरवाही
"हमले के लिए पुलिस की लापरवाही जिम्मेदार है। पुलिस को तीन दिन पहले किसान सम्मेलन के संबंध में सूचना दे दी गई थी। इसके बावजूद सुरक्षा का समुचित इंतजाम नहीं किया। रोड ओपनिंग पार्टी तक नहीं भेजी गई। भगवान की दया से हम बच गए। दुख है कि हमारे कार्यकर्ता घटना के शिकार हो गए।"
नंदकुमार पटेल
सुरक्षा कड़े करने के निर्देश
घटना के वक्त मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दिल्ली में थे। उन्होंने वहीं से ही पुलिस अफसरों से बात कर घटना की जानकारी ली और सुरक्षा इंतजाम कड़े करने के निर्देश दिए। उन्होंने पटेल के काफिले पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि नक्सलियों की यह कायराना हरकत है।
सभ्य समाज में ऐसे वारदातों का कोई स्थान नहीं है। राज्य की दो करोड़ 55 लाख आबादी इसके विरोध में है।
माफी मांगी दवा भी दी
छुरा के चैन सिंह ने बताया कि पेड़ों के पीछे से 15-20 नक्सली उनके पास आए। नेतृत्व महिला कर रही थी। उसने बताया कि पुलिस के शक में किसान चपेट में आ गए।
चैनसिंह के अनुसार नक्सलियों ने घायलों से हमले के लिए माफी मांगी। करीब 10-15 मिनट वहां रुके नक्सलियों ने कुछ घायलों को दर्द निवारक इंजेक्शन लगाए और गोलियां भी दीं फिर वहां से सभी जंगलों में चले गए।
हमले में शिकार हुए लोग
उत्तमन नायर : जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष (गरियाबंद)
तोताराम : कांग्रेसी कार्यकर्ता (छुरा)
गुलाब सैलिक : शिकार जीप का ड्रायवर (मंदिरहसौद)
संजय पुराणिक : गुलाब का भांजा (मंदिरहसौद)
घटना राजधानी से 170 किमी दूर देवभोग और मैनपुर के बीच हुई।
गरियाबंद इलाके में इप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से यह पहला नक्सली हमला है। हमले में पटेल समेत आधा दर्जन से ज्यादा कांग्रेसी नेता बाल-बाल बचे। देवभोग से लगे धुर्वागुड़ी गांव में बुधवार को कांग्रेस ने किसान सम्मेलन आयोजित किया था।
इसमें शामिल होने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के साथ पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष धनेंद्र साहू, सत्यनारायण शर्मा, विधायक अमितेष शुक्ल, कुलदीप जुनेजा समेत कई लोग रायपुर से गए थे।उनके साथ गरियाबंद और आसपास के इलाकों के कांग्रेस कार्यकर्ता भी थे।
सरकारी गाड़ी बनी निशना :
सम्मेलन खत्म होने के बाद शाम करीब साढ़े पांच बजे पटेल के साथ 10-12 गाड़ियों का काफिला गरियाबंद के लिए रवाना हुआ। मैनपुर से करीब 35 किमीटर पहले उदंती गांव के पास जंगल में एक मोड़ पर नक्सली घात लगाए थे।
करीब पौने छह बजे बरूदी सुरंग का विस्फोट हुआ। काफिले के बीच में चल रही सरकारी नंबर वाली बोलेरो जीप कई फीट दूर जा कर गिरी। सड़क पर बड़ा गड्ढा हो गया। बाकी गाड़ियां जैसे ही रुकी आसपास छिपे 70 से ज्यादा नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसमें दरवाजे के पास बैठे लोग घायल हो गए।
एक की मौके पर ही मौत हो गई। जवाबी फायरिंग नहीं होने पर कुछ देर बाद नक्सलियों ने गोलियां चलाना बंद कर दिया।
इस बीच काफिले में सबसे आगे चल रहे कांग्रेसी नेता मैनपुर पहुंच चुके थे। उनके पीछे चल रहे सुरक्षा गार्डो ने नंदकुमार पटेल को हमले की सूचना दी। पटेल समेत अन्य नेता भी मैनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। सुरक्षा के मद्देनजर कांग्रेस नेताओं को रात आठ बजे तक मैनपुर में रोका गया था। गणोश सिन्हा, वाहन चालक रमेश और भागी कुंभकार को रायपुर रेफर किया गया है।
पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता आईजी राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि हमले में तीन लोगों की मौत होने की सूचना मिली है। विस्तृत जानकारी का इंतजार है। सीआरपीएफ और जिला पुलिस की टीमों को घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है।
सोनिया भी संपर्क में रहीं
सोनिया गांधी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल और नेता प्रतिपक्ष रविंद्र चौबे से बात कर घटना के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्रदेश प्रभारी बीके हरिप्रसाद को रायपुर जाने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश महामंत्री राजेंद्र तिवारी ने बताया कि बीके हरिप्रसाद गुरुवार सुबह रायपुर पहुंच रहे हैं।
पुलिस की लापरवाही
"हमले के लिए पुलिस की लापरवाही जिम्मेदार है। पुलिस को तीन दिन पहले किसान सम्मेलन के संबंध में सूचना दे दी गई थी। इसके बावजूद सुरक्षा का समुचित इंतजाम नहीं किया। रोड ओपनिंग पार्टी तक नहीं भेजी गई। भगवान की दया से हम बच गए। दुख है कि हमारे कार्यकर्ता घटना के शिकार हो गए।"
नंदकुमार पटेल
सुरक्षा कड़े करने के निर्देश
घटना के वक्त मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह दिल्ली में थे। उन्होंने वहीं से ही पुलिस अफसरों से बात कर घटना की जानकारी ली और सुरक्षा इंतजाम कड़े करने के निर्देश दिए। उन्होंने पटेल के काफिले पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि नक्सलियों की यह कायराना हरकत है।
सभ्य समाज में ऐसे वारदातों का कोई स्थान नहीं है। राज्य की दो करोड़ 55 लाख आबादी इसके विरोध में है।
माफी मांगी दवा भी दी
छुरा के चैन सिंह ने बताया कि पेड़ों के पीछे से 15-20 नक्सली उनके पास आए। नेतृत्व महिला कर रही थी। उसने बताया कि पुलिस के शक में किसान चपेट में आ गए।
चैनसिंह के अनुसार नक्सलियों ने घायलों से हमले के लिए माफी मांगी। करीब 10-15 मिनट वहां रुके नक्सलियों ने कुछ घायलों को दर्द निवारक इंजेक्शन लगाए और गोलियां भी दीं फिर वहां से सभी जंगलों में चले गए।
हमले में शिकार हुए लोग
उत्तमन नायर : जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष (गरियाबंद)
तोताराम : कांग्रेसी कार्यकर्ता (छुरा)
गुलाब सैलिक : शिकार जीप का ड्रायवर (मंदिरहसौद)
संजय पुराणिक : गुलाब का भांजा (मंदिरहसौद)
राखड़ डैम में रिसाव से तबाही
रायगढ़। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के फ्लाई ऎश डैम में सोमवार की रात दरार आ जाने से आसपास के गांवों में तबाही मच गई। 19 घरों में पानी घुस गया। 80 परिवारों को जेएसपीएल कॉलोनी के आवास में अस्थाई रूप से ठहराया गया है।
रात को हुए रिसाव से जिंदल उद्योग के आसपास स्थित छह गांव खाली हो गए। ग्राम कोसमपाली एवं धनागर के 500 से अधिक ग्रामीणों को आसपास के स्कूलों में ठहराया गया है। जेएसपीएल कॉलोनी और स्कूलों में ठहराए गए ग्रामीणों के भोजन व पेयजल की व्यवस्था और चिकित्सा के लिए अस्थायी रूप से चिकित्सक की व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। एडीएम, एसडीएम और तहसीलदार की ड्यूटी लगाई है।
रात में तनाव
ग्रामीणों ने सप्ताहभर पहले कलेक्टर अमित कटारिया को ज्ञापन सौंपते हुए डैम के फूटने की आशंका जाहिर की थी। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया और सोमवार की रात ग्रामीणों की आशंका सच साबित हो गई। घरों में पानी घुसने से आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर सड़कों पर उतर आए।
सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस भी तनाव को रोकने में असफल रही। समझईश देने पहुंचे रायगढ़ एसडीएम गोपाल जंघेल को भी ग्रामीणों की नाराजगी का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों का कहना है कि अगर डैम फूट गया, तो सैकड़ों घर तबाह और फसलें चापैट हो जाएंगी।
जांच कमेटी गठित
कलेक्टर अमित कटारिया ने क्षतिग्रस्त डैम का जायजा लिया। उन्होंने जांच कमेटी गठित की है, जिसमें जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता, एसडीएम और क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने कमेटी को शीघ्र प्रतिवेदन देने के लिए कहा है। जिंदल प्रबंधन को फटकार लगाते हुए रिसाव रोकने के लिए शीघ्र उपाय करने का निर्देश दिया है। उन्होंने पीडित ग्रामीणों से चर्चा कर प्रशासन की ओर से हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है।
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